Sunday, October 30, 2011

random

आदतन तुम ने कर दिए वादे
आदतन हम ने ऐतबार किया

तेरी राहों में हर बार रुक कर
हम ने अपना ही इंतज़ार किया

अब न मांगेंगे ज़िन्दगी या रब
यह गुनाह हम ने एक बार किया 
                  
                             ............गुलज़ार


Tuesday, August 9, 2011

random

ज़िन्दगी आज कल यूँ कटती जा रही है..
कुछ औने-पौने भागों में बटती जा रही है. 

Monday, July 18, 2011

random

Interestingly my being of being punctual often irritates others. Imagine reaching a salon 15 min  early that too when you are the first customer.

Sunday, April 3, 2011

एक दिन सिर्फ तस्वीरें रह जाती हैं

एक दिन सिर्फ तस्वीरें रह जाती हैं ,
फिर हम साल दर साल ज़िन्दगी से इतनी आस क्यों लगाये बैठे हैं ?

एक दिन हम भी दीवार पर अपना आशियाँ बनायेगे,
फिर हम इस ज़मीन से इतनी चाहत क्यों किये बैठे हैं?

एक दिन वक़्त रुक जायेगा, घड़ी के हाथ थम जायेंगे, 
फिर हम ज़माने की दौड़ में पीछे रहने से क्यों डर जाते हैं?